बहरीन : अनेकता में बनी हुई सौहार्द्रता

सैकड़ों वर्षों से बहरीन शान्ति का स्वर्गस्थल बना हुआ है जहां तमाम वर्ण, जाति, और धर्म के लोग भाईचारे के साथ रहते आए हैं. राजधानी मनामा के रहने वाले बहरीनी चिट्ठाकार क्राइस्ट ब्लड (अरबी) अपने पड़ोस के एक ऐसे स्थल के बारे में बता रहे हैं जो जाति और धर्मगत विभिन्नताओं के मध्य आपसी सामंजस्य और सौहार्द्र का वास्तविक प्रतीक स्वरूप है.

Harmony in Diversity in Bahrain

क्राइस्ट ब्लड उस स्थल का चित्र (ऊपर) देते हुए लिखते हैं :

استوقفتني هذه الصوره لما تحمل من معاني مخبئه وراء هذه الحشد من المباني المتراصه التي كثيرا ما كنت امر عليها دون ان اتنبه لدلالتها .

- الدائره الاولي علي اليسار هي لجامع الفاروق للطائفه السنيه .

- المساحه المفتوحه هي مقبره ومسجد تابع للطائفه الشيعيه .

- اما الدائره الصغيره التي ترونها فهي عباره عن حائط يحمل صليب الكنيسه الانجيليه .

بهذه القدر من التعايش كانت هذه المنطقه تعيش فعمر هذه الرموز يتجاوز 100 عام كلها اجتمعت برقعه واحده من الارض .

इस चित्र ने मेरा ध्यान इस लिए आकर्षित किया क्योंकि इस क्षेत्र में मौजूद भवनों में अंतर्निहित प्रतीकात्मकता है. इससे पहले मेरा इस क्षेत्र से कई मर्तबा गुजरना हुआ था मगर तब इस क्षेत्र की विशेषता के बारे में पता नहीं था.
– बाईं ओर के पहले वृत्त में अल फ़ारूक़ मस्ज़िद है, जो कि सुन्नी सम्प्रदाय का है.
– जो खुला क्षेत्र दिखाई दे रहा है वो शिया सम्प्रदाय का कब्रगाह व दरगाह है.
– इन दोनों के बीच जो छोटा सा वृत्त आप देख पा रहे हैं वो ईसाईयों का चर्च है.

जाहिर है, ये स्थापत्य जो प्रत्येक कोई 100 वर्षों से अधिक समय से मौजूद हैं, आपसी सामंजस्य और सौहार्द्रता को गहरे में प्रतिबिम्बित करते हैं. और, ये इस संसार के महज़ एक छोटे से हिस्से में एकत्र हैं.

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