आम चुनावों में लगी जनता की पैनी नज़र

हम जिस युग में रह रहे हैं वहाँ जानकारियों का अतिभार है। ज्यों ज्यों नवीन मीडिया औजार ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंच बना रहे हैं, साधारण लोग भी अपना रुख और अपने इलाके की मौलिक खबरें मीडिया तक पहुंचा रहे हैं। ट्विटर और अन्य सिटिज़न मीडिया औजारों की बदौलत ढेरों जानकारी आजकल तुरत फुरत साझा कर दी जाती है। मुम्बई आतंकी हमलों के दौरान ट्विटर के द्वारा जिस तरह की रियल टाईम यानी ताज़ातरीन जानकारियाँ तुरत-फुरत मिलीं उनका भले ही कोई लेखागार न हो पर यह जानकारियाँ घटनाक्रम के समय सबके काम आईं।

और, ऐसे में उशाहिदी के जरिए बहुत कुछ बदला जा सकता है। ‘उशाहिदी’ (“गवाह” के लिये स्वाहिली शब्द) एक ऐसा औजार  है जिसका केन्या में 2008 के उत्तरार्ध में चुनाव के बाद हुई हिंसा की खबरों के आधार पर नक्शे बनाने के लिये किया गया। इससे स्थानीय पर्यवेक्षकों को अपने मोबाईल फोन या इंटरनेट द्वारा अपनी रपट  दाखिल करने की विधि मिल सकी। इस जानकारी को स्थानीय कार्यकर्ताओं और स्वयंसेवकों ने छांट कर इसका लेखागार निर्मित किया और संबंधित घटनाओं को एक जालस्थल पर जियोग्राफिकल मैशअप का प्रयोग करते हुए आम पाठकों के इस्तेमाल हेतु रखा गया। इसकी  सफलता को देखते हुए, उशाहिदी को विश्व के अनेक स्थानों पर बाद में आपदा संबंधी खबरों की रपट देने वाले औजार के रूप में प्रयुक्त किया गया।

एरिक हर्समेन , जो उशाहिदी प्रकल्प में शामिल बहुत से व्यक्तियों में से एक हैं, उशाहिदी द्वारा जानकारियों को छानने की प्रक्रिया के बारे में बताते हैं:

Crowdsourcing the filter: how does it work?

छन्नी की क्राउडसोर्सिंग : आखिर ये काम कैसे करता है?

एक अच्छी खबर ये है कि उशाहिदी मॉडल को भारत में भी  काम में लिया जा रहा है।  उशाहिदी इंजिन पर आधारित, जनता के सहयोग से प्रचालित, चुनावों पर नज़र रखने का एक मंच  वोट रिपोर्ट इंडिया बनाया गया है जो भारत में होने जा रहे आम चुनावों पर नज़र रखेगा।

एरिक हर्समेन लिखते हैं:

उशाहिदी के हमने बहुत से प्रयोग देखे हैं, परंतु  गौरव मिश्र द्वारा बनाए गए इस भारतीय प्रकल्प की बात कुछ अलग है। इसे बहुत ही व्यवस्थित बनाया गया है और इसमें ज्यादा से ज्यादा सामुदायिक इनपुट की गुंजाइश रखी गई है. ईमोक्ष, नाम के अ-विभाजन अ-लाभकारी संस्था जो कि जनता के सक्रिय भागीदारी और जानकारी के बल पर गणतंत्र को मजबूत बनाने के क्षेत्र में लगी है, के सेलवम वेलमुरुगन ने इसके तकनीकी हिस्सों को सजाया संवारा है.

vote_report_india_header

एक दिलचस्प बात ये है कि भारतीयों के पास पहले से ही ट्विटर जैसी एक सेवा एसएमएस गपशप है जिसके बहुत से चैनलों के लाखों पंजीकृति उपयोक्ता हैं। इसकी टोली देश के बड़े 8 शहरों के लिए (उदाहरण के लिए, वोटरिपोर्टमुम्बई, वोटरिपोर्टदिल्ली इत्यादि…) ट्विटर और एसएमएसगपशप पर अपडेट खाता बना रही है. फिर उपयोक्ता इन शहरों के चुनाव जानकारी संबंधी आरएसएस फीड को इन चार विकल्पों में से किसी एक को चुनकर अपने आप को उन संदेशों से बराबर सजग और सतर्क बनाए रख सकते हैं: ईमेल द्वारा, आरएसएस फीड द्वारा, ट्विटर पर एसएमएस द्वारा या एसएमएसगपशप द्वारा.

वोट रिपोर्ट इंडिया के गौरव मिश्र जो कि  ग्लोबल वॉइसेज़ के लेखक भी हैं , अपने ब्लॉग में  लिखते हैं :

मूलतः उपयोक्ता सीधे ही एसएमएस, ईमेल या वेब रपटों के जरिए चुनाव आयोग के मॉडल आचार संहिता (पीडीएफ़) के उल्लंघनों के बारे में बताते हैं. यह मंच फिर तमाम संसाधनों से प्राप्त इन समाचार रपटों, ब्लॉग पोस्टों, फोटो, वीडियो और ट्वीट को व्यवस्थित रूप से एक स्थल पर इंटरेक्टिव नक्शे पर जमा कर रखती है.

हमें उम्मीद है कि वोट रिपोर्ट इंडिया भारतीय चुनावों में पारदर्शिता और उत्तरदायित्व बोध को बढ़ाने में सहायक तो होगी ही, साथ में चुनावों के दौरान जनता की आम राय के बारे में एक परिपूर्ण परिदृश्य गढ़ने में सहायक होगी।

अपने पिछले पोस्ट में गौरव ने ट्विटर और उशाहिदी की तुलना की थी कि भारतीय परिप्रेक्ष्य में मोबाइल नागरिक रपट औजार के रूप में इन दोनों में से बेहतर कौन हो सकता है.

vote-report-india-badge वोट रिपोर्ट इंडिया को कोई भी भारतीय निम्न चार तरीकों से रपट भेज सकता है:

  • 5676785 को एसएमएस करके
  • report@votereport.in को ईमेल भेज कर
  • हैश टैग #votereport के साथ ट्विटर पर
  • तथा ऑनलाइन इस  वेब फार्म के जरिए

अनुवाद में सहयोग – देबाशीष

यह पोस्ट ग्लोबल वॉइसेज़ पर 2009 के भारतीय चुनावों के विशेष कवरेज का एक हिस्सा है

1 टिप्पणी

बातचीत में शामिल हों

लेखक, कृपया सत्रारंभ »

निर्देश

  • कृपया दूसरों का सम्मान करें. द्वेषपूर्ण, अश्लील व व्यक्तिगत आघात करने वाली टिप्पणियाँ स्वीकार्य नहीं हैं।.