आलेख से और

किर्गिस्तान की हिट फिल्म एक मां और बेटे के बीच के रिश्ते की मार्मिक कहानी है

  3 सप्ताह पूर्व

निर्देशक रुस्लान अकुन के मुताबिक, फिल्म का मुख्य लक्ष्य लोगों को एक-दूसरे के प्रति दयालु होने और अच्छे काम करने के लिए प्रोत्साहित करना है।

रूसः ओका

  13 दिसम्बर 2007

टर्किश इंवेज़न ओका नामक कार के बारे में लिखते हैं, “मास्को में पिज्ज़ा डेलिवरी के लिये ओका कार का भारी प्रयोग होता है, क्योंकि जाहिर तौर पर सर्दियों में बाईक चलाने की तुलना में यह ज्यादा गर्म रहता है। पर इसे चलाने वाले शौकीन अब मुट्ठी भर ही बचे हैं,...

यूक्रेनः प्रदर्शनी का सच?

मॉस्को में होलोडोमोर प्रदर्शनी में कलाविध्वंस (वैंडेलिज़्म) की घटना पर वहाँ के मेयर युरी लुज़कोव ने कहा, “मुझे लगता है कि इस प्रदर्शनी का बस एक ही मकसद थाः रूसी और युक्रेनी लोगों का एका तोड़ना और उनमें दरार पैदा करना।” यूक्रेनियाना इस तर्क को होलोकास्ट के परिपेक्ष्य में भी...

आर्मीनियाः खुला पत्र

तुर्की लेखक व चिट्ठाकार मुस्तफा अक्योल की आर्मीनियाई जातिसंहार विषय पर आप्रवासी आर्मीनियाई को लिखे खुले पत्र का जवाब “लाईफ इन आर्मीनिया” चिट्ठे के लेखक रफी ने तुर्की नागरिकों को लिखे अपने खुले पत्र से दिया है। 1915 से 1917 के बीच हुई घटनाओं को जातिसंहर का दर्जा देते हुये...

अफ्रीका: औपनिवेशिक सच

  15 सितम्बर 2007

औपनिवेशिक इतिहास, एकोसो लिखते हैं, अगर उपनिवेशी की नज़र से देखा जाय तो कुछ बयां किया जा सकता हैः आई केम, आई सॉ, आई कांकर्ड। देन आई लाईड अबाउट इट (मैं आया, मैंने देखा, मैंने विजय प्राप्त की। और फिर मैंने इसके बारे में झूठ कहा)।”

भारत: रामायण के राम

  14 सितम्बर 2007

वर्णम हालिया सेतुसमुद्रम विवाद पर लिखते हैं कि राम वाकई थे कि नहीं ये पता करने के केवल पुरात्तविक प्रमाण ही देने के प्रयास में एएसआई ने इतिहासकारों को नकार दिया।

जापान: जो बोया सो काटा

  7 सितम्बर 2007

एंपोन्टेन जापान में पैसे, राजनीति और सरकार की लंबे समय से जारी साँठगाँठ के बारे में लिखते हैं जिसमें उन्होंने कृषि मंत्री मात्सुओका तोशीकात्सू पर आधारित एक पुस्तक के बारे में एक चिट्ठे का अनुवाद किया है। जापानी राजनीति में हुये पैसों के असंख्य घोटालों का ज़िक्र करते हुये वे...

रूसः जातिवाद

मार्क मैकिनंन रूस में गैर रुसीयों के खिलाफ हिंसा और उग्र रजनैतिक विचारधाराओं को शह देकर पुतिन को “सबसे कम खराब” बतलाने की क्रेमलिन की रणनीति के बारे में लिखते हैं, “…जिन शैतानों की इन्होंने रचना की अब वो क्रेमलिन के भी काबू से बाहर हैं”।