आलेख से और

अप्रवासी भारतियों का मतदान अधिकार

  16 अप्रैल 2009

लॉ एंड अदर थिंग्स चिट्ठे ने विदेशों में काम कर रहे या पढ़ रहे भारतियों को मतदान का अधिकार देने के कानूनी पक्ष की चर्चा करते हुये लिखा है, “इन्हें मतदान का अधिकार देने से उन्हें राजनीतिक रूप से सक्रीय बनाये रखने में मदद मिलेगी। साथ यह भी एहसास भी...

नेपालः हिंसा और आप्रवासी

  21 मई 2008

काठमांडू स्पीक्स ने दक्षिण अफ्रीका में “बाहरी लोगों” के साथ हो रही हिंसा, और दुनिया के अन्य हिस्सों में आप्रवासियों के खिलाफ इसी तरह के विरोधों पर चिंता जताते हुये अपने ब्लॉग पर लिखा है।

आर्मीनियाः खुला पत्र

तुर्की लेखक व चिट्ठाकार मुस्तफा अक्योल की आर्मीनियाई जातिसंहार विषय पर आप्रवासी आर्मीनियाई को लिखे खुले पत्र का जवाब “लाईफ इन आर्मीनिया” चिट्ठे के लेखक रफी ने तुर्की नागरिकों को लिखे अपने खुले पत्र से दिया है। 1915 से 1917 के बीच हुई घटनाओं को जातिसंहर का दर्जा देते हुये...

मोलडोवाः प्रवासी कामगार और अर्थव्यवस्था

मोलडोवा मैटर्स के मुताबिक, “टोगो के बाद मोलडोवा ऐसे देशों की कतार में दूसरा है जिनकी अर्थव्यवस्था प्रवासी कामगारों द्वारा विदेश से भेजे धन पर निर्भर है”